ओशमिन ध्यान उत्सव: नवादा जिले में आध्यात्मिक जागरण की लहर
वारिसलीगंज, हिसुआ और नारदीगंज में चार दिवसीय आयोजन संपन्न
नवादा, 16 जून:
भारतीय दार्शनिक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक और सामाजिक कार्यकर्ता ओशमिन के मार्गदर्शन में नवादा जिले के विभिन्न शहरों—वारिसलीगंज, हिसुआ, नारदीगंज और वरेब में 12,13,14 और 15 जून को ओशमिन ध्यान उत्सव का सफल आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और ध्यान, आत्म-जागरूकता तथा आंतरिक शांति की अनुभूति प्राप्त की। 15 जून को वरेब हाई स्कूल नवादा में ओशमिन ध्यान उत्सव का कार्यक्रमसंपन्न हुआ
ध्यान उत्सव का मुख्य उद्देश्य आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में आध्यात्मिकता और जागरूकता के माध्यम से संतुलन स्थापित करना था। ओशमिन, जिनका जन्म राकेश चंद्रा के रूप में हुआ था, ने अपने व्याख्यानों और सत्रों में बताया कि कैसे एक व्यक्ति संसार में रहते हुए भी गहराई से आत्म-जागरूक हो सकता है और पूर्ण रूप से उपस्थित जीवन जी सकता है।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:
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वारिसलीगंज (12 जून):
ओशमिन ने 'गवाह भाव की शक्ति' विषय पर अपना पहला सत्र लिया, जिसमें लोगों को अपने विचारों और भावनाओं के प्रति जागरूक रहने की कला सिखाई गई। स्थानीय जनता ने इसे बेहद प्रेरणादायक बताया। -
हिसुआ (13 जून):
दूसरे दिन का कार्यक्रम 'ध्यान और रोजमर्रा की ज़िंदगी' पर केंद्रित रहा। ओशमिन ने बताया कि ध्यान कोई अलग अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है। कई युवाओं और गृहिणियों ने इस सत्र में भाग लेकर मानसिक शांति की अनुभूति की। -
नारदीगंज (14 जून):
अंतिम दिन का सत्र 'सचेत जीवन और सामाजिक जिम्मेदारी' पर आधारित था। ओशमिन ने बताया कि सच्ची आध्यात्मिकता का अर्थ समाज से कटकर रहना नहीं, बल्कि उसमें रहते हुए उसे और बेहतर बनाना है। इस सत्र में समाजसेवकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया:
उत्सव में भाग लेने वाले कई लोगों ने इसे जीवन परिवर्तनकारी अनुभव बताया। एक प्रतिभागी, सुनीता देवी, ने कहा, “पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि ध्यान केवल साधना नहीं, बल्कि जीने की कला है।” वहीं छात्र रवि कुमार ने कहा, “ओशमिन सर के शब्द सीधे दिल को छूते हैं। उन्होंने आत्मनिरीक्षण की जो राह दिखाई है, वह आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।”
आयोजकों की ओर से धन्यवाद:
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, स्वयंसेवकों और स्थानीय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ओशमिन के मार्गदर्शन में अन्य जिलों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
ओशमिन की यह पहल न सिर्फ ध्यान और आंतरिक जागृति को बढ़ावा देती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सचेत जीवन ही सच्चे परिवर्तन की कुंजी है।
रिपोर्ट: [सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति]
स्थान: भगवानगंज,मसौढ़ी,पटना
प्रकाशन तिथि: 16जून 2025
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