भगवानगंज में धूमधाम से मनी महाशिवरात्रि: जानिए इस पावन पर्व का महत्व
भगवानगंज में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय शिव मंदिरों में भोर से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया। भक्तों ने रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन और शिव महापुराण कथा का आयोजन किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के पावन विवाह दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और पूरी रात भगवान शिव की आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं, जिससे सृष्टि, संहार और पुनर्निर्माण का चक्र चलता रहता है।
धार्मिक मान्यताएं
1. भगवान शिव और पार्वती विवाह – इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए इसे शिव-पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है।
2. शिवलिंग प्रकट होने की कथा – पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव एक अग्नि स्तंभ (शिवलिंग) के रूप में प्रकट हुए थे, जिसे ब्रह्मा और विष्णु ने पूजा करके शिव तत्व को स्वीकार किया था।
3. कल्याणकारी रात्रि – महाशिवरात्रि की रात को शिव तांडव नृत्य करते हैं, जिससे ब्रह्मांड में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
भगवानगंज में विशेष आयोजन
भगवानगंज के प्रमुख मंदिरों में इस अवसर पर विशेष पूजा-पाठ और रुद्राभिषेक किया गया। नगरवासियों ने भक्ति भाव से शिव आराधना की और शिवरात्रि के पर्व को शांतिपूर्ण और भक्तिमय तरीके से मनाया। रात्रि जागरण के दौरान शिव भक्तों ने शिव तांडव स्तोत्र, ओम नमः शिवाय मंत्र जाप और शिव महिमा से जुड़े भजन गाए।
श्रद्धालुओं की आस्था
स्थानीय श्रद्धालुओं का मानना है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कई लोगों ने इस दिन व्रत रखा और पारंपरिक रूप से फलाहार ग्रहण किया।
इस तरह भगवानगंज में महाशिवरात्रि का पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं की आस्था और शिव भक्ति की अनूठी झलक देखने को मिली।


