पटना/मसौढ़ी: पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने बिहार के मसौढ़ी में दौरा किया, जहाँ उन्होंने आर्यभट्ट के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "आर्यभट्ट का नाम न मिटा है और न ही मिट सकता है", जिससे यह संकेत मिलता है कि मसौढ़ी को आर्यभट्ट की विरासत के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
आर्यभट्ट चेतना मंच के साथ संवाद
गुप्तेश्वर पाण्डेय ने मसौढ़ी के आर्यभट्ट नगरी में पहुँचकर आर्यभट्ट चेतना मंच के राष्ट्रीय संयोजक सुनील कुमार गावस्कर, राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना पासवान और मंच के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मंच की गतिविधियों की सराहना की और विश्वास जताया कि "मसौढ़ी का विकास निश्चित है और आर्यभट्ट की पहचान इस क्षेत्र में और मजबूत होगी।"
गुप्तेश्वर पाण्डेय का भव्य स्वागत
उनके आगमन पर आर्यभट्ट चेतना मंच के सदस्यों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया और उनके चरणों को पखारकर आशीर्वाद लिया। यह पूरा आयोजन हर्षोल्लास और सम्मान से भरा हुआ था, जिससे स्पष्ट हुआ कि मसौढ़ी के लोग अपनी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गुरुकुल शिलान्यास और आगे की योजनाएँ
गुप्तेश्वर पाण्डेय ने यह भी बताया कि वह कुर्था में एक गुरुकुल के शिलान्यास समारोह में भाग लेने जा रहे हैं, जो शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।