दलित-गरीबों को अधिकार दिलाने और हिंसा रोकने की मांग पर खेग्रामस व मनरेगा मजदूर सभा का जिला भर में जोरदार प्रदर्शन संपन्न

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 दलित-गरीबों के अधिकारों की मांग को लेकर खेग्रामस व मनरेगा मजदूर सभा का जिला भर में धरना प्रदर्शन संपन्न


पटना/मसौढ़ी:  19 मार्च को अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा के राज्यव्यापी आह्वान पर मसौढ़ी अनुमंडल सहित पूरे पटना जिले में दलित-गरीबों को गरीबी का आय प्रमाण पत्र, बास-आवास की गारंटी, जॉब कार्ड निर्माण तथा दलितों पर हो रही हिंसा रोकने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

यह प्रदर्शन मसौढ़ी, धनरूआ, पुनपुन, पालीगंज, दुल्हिनबाजार, विक्रम, बिहटा, मनेर, नौबतपुर, फुलवारी शरीफ, संपतचक, फतुहा समेत विभिन्न स्थानों पर संपन्न हुआ।

मसौढ़ी में मुख्य धरना प्रदर्शन:

मसौढ़ी में धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता खेग्रामस के प्रखंड सचिव संजय पासवान ने की। सभा को माले के राज्य कमेटी सदस्य कमलेश कुमार, खेग्रामस के जिला अध्यक्ष नागेश्वर पासवान, लव कुश साव, बिनेश्वर यादव, सतनारायण महतो और उमा यादव ने संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रखंड सचिव राकेश कुमार, बाजन पासवान, छोटन यादव, बुद्धू पासवान, सत्येंद्र पासवान, कुंती देवी, परमानंद प्रसाद, श्री भगवान सिंह और भोला बिंद समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।

अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता और प्रमुख वक्ता:

धनरूआ: अध्यक्षता वीरेंद्र प्रसाद व जितेंद्र राम ने की। सभा को अकलू पासवान, निरंजन वर्मा, रामजीवन पासवान, रंजय बिंद, श्री भगवान पासवान, खुर्शीद अंसारी, कमलेश यादव और रिंकू देवी ने संबोधित किया।

पुनपुन: अध्यक्षता भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य जय प्रकाश पासवान और विद्या पासवान ने की। इस मौके पर मुन्ना चौहान, मदन पासवान, दयानंद पासवान और मुखिया नाग राम समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।


पालीगंज: अध्यक्षता उमेश मांझी और सुरेंद्र पासवान ने की।

दुल्हिनबाजार: अध्यक्षता आशा देवी और अमरसेन दास ने की।

विक्रम: अध्यक्षता शंकर पासवान और मंटू यादव ने की।

बिहटा: अध्यक्षता रामचंद्र दास और सुरेंद्र यादव ने की।

मनेर: अध्यक्षता सुधीर कुमार भारती ने की।

फुलवारी शरीफ: अध्यक्षता शरीफा मांझी, देवीलाल पासवान और गुरुदेव दास ने की।

नौबतपुर: अध्यक्षता श्रीकांत दास और राजेंद्र पासवान ने की।

संपतचक: अध्यक्षता सत्यानंद पासवान, धनराज पासवान, राम केवल दास और सुरेश सिंह ने की।

फतुहा: अध्यक्षता मुन्ना पंडित और शैलेंद्र यादव ने की।


वक्ताओं ने सरकार को घेरा, दलित-गरीबों के अधिकारों की गारंटी की मांग

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नीतीश राज में दलित-गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। चाहे वह संपतचक के भेलवाड़ा मूसहरी की घटना हो या पालीगंज, दुल्हिनबाजार, धनरूआ और नौबतपुर में हो रही घटनाएं, प्रशासन और सरकार इन मामलों को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार ने दलित-गरीबों के हक-अधिकारों को छीनने का काम किया है। ₹2 लाख की सहायता राशि का वितरण हो या पोर्टल खोलने का मुद्दा, जॉब कार्ड बनाने और आवास में गरीबों का नाम जोड़ने की प्रक्रिया हो, सरकार इन मामलों में पूरी तरह विफल साबित हुई है।

जाति विशेष के सामंती गुंडों द्वारा दलितों और पिछड़ों पर बर्बर अत्याचार किया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

गरीबों की योजनाओं में लूट, अधिकारी-बिचौलियों का खेल

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के अधिकारी बिचौलियों के माध्यम से योजनाओं में लूट-खसोट मचा रहे हैं, गरीबों का कोई काम नहीं हो रहा है। जॉब कार्ड, बास-आवास और आय प्रमाण पत्र के नाम पर सिर्फ वादे किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा।

2025 में एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान

सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि 2025 में एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकना होगा, तभी दलित-गरीबों को न्याय और अधिकार मिल सकेगा।

भाकपा माले और खेग्रामस ने जनता से आह्वान किया कि वे इस सामंती-सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट हों और दलित-गरीबों के हक की लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाएं।

धरना प्रदर्शन में भारी संख्या में दलित-गरीबों की भागीदारी

पूरे जिले में आयोजित इन धरना प्रदर्शनों में सैकड़ों की संख्या में दलित, गरीब, पिछड़े और मजदूर शामिल हुए और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की।


"अब सिर्फ संघर्ष ही समाधान है, जब तक दलित-गरीबों को उनका हक नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।"

यह संदेश प्रदर्शनकारियों ने सरकार को दिया।


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