📰 "मतदाता गहन पुनरीक्षण के नाम पर लोकतंत्र पर हमला बंद करो"
🔹 बिहार बंद का मसौढ़ी और धनरूआ में दिखा ज़बरदस्त असर, सड़क से सदन तक संघर्ष की चेतावनी
📍 मसौढ़ी/धनरूआ, 9 जुलाई 2025
रिपोर्टर :सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति
बिहार बंद के आह्वान पर आज मसौढ़ी व धनरूआ क्षेत्र पूरी तरह ठप रहा। केंद्र और राज्य सरकार की श्रम, किसान और आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ महागठबंधन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर आयोजित यह बंद ऐतिहासिक और असरदार साबित हुआ।
🔹 लोकतंत्र पर हमले का आरोप
बंद का मुख्य मुद्दा था—
- चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर गरीबों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश
- चार श्रम कोड जैसे कॉरपोरेट-परस्त कानूनों के जरिए मजदूरों और किसानों के अधिकारों का हनन
भाकपा (माले), राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम सहित सभी विपक्षी दलों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस बंद में भाग लिया और जगह-जगह प्रदर्शन, जुलूस और चक्का जाम किया।
🔹 सड़कें रहीं जाम, बाजार रहे बंद
- मसौढ़ी के पभेड़ी मोड़ पर घंटों चक्का जाम रहा।
- सभी दुकानें, बाजार, और वाहन सेवा पूरी तरह ठप रही।
- धनरूआ में प्रदर्शनकारियों ने बाजार बंद कराते हुए मार्च निकाला और स्थानीय प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत कराया।
🔹 कार्यकर्ताओं की सशक्त भागीदारी
इस बंद को सफल बनाने में भाकपा (माले) की ओर से
कमलेश कुमार, नागेश्वर पासवान, संजय पासवान, कपिल पासवान, सुशीला देवी, धर्मशिला देवी, गुड्डू अंसारी, मनीष पासवान, बाजन पासवान, रमेश चौधरी, छोटन यादव
वहीं राजद की ओर से
राकेश पंडित, किरी यादव, प्रो. बृजनंदन सहाय, मंटू यादव,
कांग्रेस की ओर से
इंद्रमणि देवी,
धनरूआ में
अकलू पासवान, वीरेंद्र प्रसाद, निरंजन वर्मा, श्री भगवान पासवान, रामजीवन पासवान, कमलेश यादव, खुर्शीद अंसारी जैसे नेताओं ने सक्रिय भागीदारी की।
🔹 सरकार और आयोग को चेतावनी
वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि –
“यदि सरकार व चुनाव आयोग संविधान, लोकतंत्र और गरीबों के अधिकारों पर हमला जारी रखते हैं, तो यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन और न्यायालय तक लड़ी जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता डबल इंजन सरकार को इस बार पूरी तरह साफ कर देगी।


