जदयू खत्म, किसान संघर्ष की शुरुआत: मुकेश सहनी की अगुवाई में कुणाल सिंह शामिल

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📰 समस्तीपुर के समाजसेवी कुणाल सिंह वीआईपी में शामिल, किसानों की आवाज को मिलेगा नया मंच
🔸 पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने किया स्वागत, कहा- जदयू अब सिर्फ नाम की पार्टी बची है
📍 स्थान: पटना | 👷📼🗓️ तारीख: 2 जुलाई 2025
✍️ रिपोर्ट: सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति


🚩 वीआईपी का मिलन समारोह बना राजनीतिक ऊर्जा का केंद्र

पटना में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) द्वारा आयोजित एक भव्य मिलन समारोह में समस्तीपुर जिले के सरायरंजन के समाजसेवी कुणाल सिंह ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की। उन्हें पार्टी के संस्थापक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने सदस्यता दिलाई और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

इस मौके पर पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे नुरुल होदा, अजय कुमार सहनी, सुषमा सहनी, राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति, डॉ. सुनील कुमार सिंह, अर्जुन सहनी, सुनील निषाद, रौशन सहनी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।



🗣️ मुकेश सहनी का तीखा प्रहार: "अब जदयू सिर्फ नाम की पार्टी है"

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा,

"कुणाल सिंह संघर्षशील युवा हैं, किसानों के हक के लिए आवाज उठाते रहे हैं। इनका पार्टी में आना वीआईपी को नई ऊर्जा देगा और समस्तीपुर में हमारी ताकत को बढ़ाएगा।"

उन्होंने कहा कि कुणाल सिंह किसान परिवार से आते हैं और शुरू से समाजसेवा में सक्रिय रहे हैं।
सहनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा,

"आज जो भी किसान की बात करता है, उसे सरकार दबाने का प्रयास करती है। लेकिन वीआईपी किसानों की बुलंद आवाज है। जब तक किसान आगे नहीं बढ़ेंगे, देश भी तरक्की नहीं करेगा।"

उन्होंने जदयू पर करारा हमला बोलते हुए कहा:

"अब जदयू समाप्त हो चुकी है। उसके कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लग चुकी है, यानी भाजपा ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। जो कुछ बचा है, वह भी आगामी चुनाव के बाद खत्म हो जाएगा।"


📣 "जनप्रतिनिधि बनकर करना चाहता हूं विकास": कुणाल सिंह

समारोह में बोलते हुए कुणाल सिंह ने कहा:

"मैं एक मिशन के तहत वीआईपी में शामिल हुआ हूं। पार्टी की नीतियों और मुकेश सहनी के संघर्ष से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया है।"

उन्होंने यह भी कहा कि वे समस्तीपुर के विकास के लिए राजनीति में आए हैं और पार्टी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।



🔍 राजनीतिक समीकरणों में हलचल

वीआईपी के इस मिलन समारोह को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक सामाजिक-राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। किसानों और पिछड़े वर्गों की आवाज बनने की बात कहकर वीआईपी राज्य के राजनीतिक ध्रुवीकरण में नई धारा जोड़ रही है।

"सन ऑफ मल्लाह" के नाम से प्रसिद्ध मुकेश सहनी ने साफ किया कि वीआईपी सभी वर्गों की आवाज बन रही है और आने वाले चुनाव में महागठबंधन की जीत तय है।


📌 निष्कर्ष:
समाजसेवी कुणाल सिंह का वीआईपी में शामिल होना न सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि समस्तीपुर क्षेत्र की राजनीति में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। पार्टी किसानों और सामाजिक न्याय के मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रही है, जिसका सीधा असर 2025 के विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है।


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