वोटर लिस्ट से नाम काटने के खिलाफ राजद की हुंकार, उदय मांझी ने दी राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
🔸 तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी व मंगनीलाल मंडल की मौजूदगी में हुई प्रेस वार्ता
📍 स्थान: राजद प्रदेश कार्यालय, पटना | 🗓️ तारीख: 2 जुलाई 2025
✍️ रिपोर्ट: सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति
🚨 "काला कानून" के खिलाफ जनता को जगाने का एलान
राजद प्रदेश कार्यालय, पटना में आज एक अहम प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। इस दौरान राजद के पूर्व विधायक और "मुसहर भुइयां शोषित वंचित जन अधिकार जागृति चिंतन अभियान" के संस्थापक श्री उदय मांझी ने चुनाव आयोग द्वारा लागू किए गए नए वोटर लिस्ट नियमों को "काला कानून" करार देते हुए राज्यव्यापी आंदोलन का एलान किया।
🗣️ तेजस्वी यादव का बयान: वोटर लिस्ट से नाम काटने की साजिश
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा:
"चुनाव आयोग के इन नियमों से लाखों गरीब, पिछड़े, मुसहर, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोगों का नाम मतदाता सूची से कट सकता है। ये संविधानिक अधिकारों पर हमला है और हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।"
📢 उदय मांझी का ऐलान: चप्पे-चप्पे पर आंदोलन करेंगे
पूर्व विधायक उदय मांझी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा:
"अगर चुनाव आयोग इन काले कानूनों को वापस नहीं लेता है, तो हम बिहार के कोने-कोने में सड़कों पर उतरेंगे। मुसहर, भुइयां, शोषित, वंचित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज के लोग पूरे राज्य में सड़क जाम करेंगे।"
उन्होंने आरोप लगाया कि:
"जब चुनाव नजदीक है, ऐसे समय में यह नियम लागू करना भाजपा और एनडीए की चाल है। इससे मतदाताओं को वंचित कर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।"
⚖️ संविधान पर हमला: दलितों-पिछड़ों के अधिकारों की अनदेखी
उदय मांझी ने कहा:
"डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों को कुचलने की कोशिश की जा रही है। अगर लोगों का नाम वोटर लिस्ट से ही हटा दिया जाएगा, तो वे अपने प्रतिनिधि कैसे चुनेंगे? यह साफ तौर पर लोकतंत्र की हत्या है।"
🤝 स्थानीय नेताओं का समर्थन और विरोध दर्ज
प्रेस वार्ता में फुलवारी विधानसभा क्षेत्र से मो. आशिफ इकबाल उर्फ लड्डू, मो. शमशाद उर्फ कैफ खान, मो. शाहनवाज, मो. साकिब, मो. मुज्जफर हुसैन, राही सदन, मोहन मांझी, धर्मेंद्र मांझी, सुधीर मांझी, अजय मांझी, दीपक मांझी, राजद के प्रभारी अरुण सिंह, ध्रुव यादव, हरिनारायण यादव, राजकिशोर साव, भाई भरत यादव, मुन्ना यादव और देवकिशुन ठाकुर ने चुनाव आयोग के फैसले की कड़ी निंदा की।
🔍 राजनीतिक संदेश और चुनावी रणनीति
इस प्रेस वार्ता को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजद की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। दलित, वंचित और अल्पसंख्यक वर्ग को केंद्र में रखकर राजद ने जनता के बीच एक बार फिर संविधान और अधिकारों की रक्षा की लड़ाई का बिगुल फूंका है। इस मुद्दे पर पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन छेड़ने की तैयारी में है।
📌 निष्कर्ष:
चुनाव आयोग के नए नियमों को लेकर राजद की यह तीव्र प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में एक बड़ा जनांदोलन खड़ा कर सकती है। उदय मांझी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं की सख्त चेतावनी यह साफ कर रही है कि राजद इस मुद्दे को जन आंदोलन का स्वरूप देने के लिए तैयार है।



