बिक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्थानांतरण के विरोध में धरना, आक्रोशित ग्रामीण बोले – अब ‘करो या मरो’ की लड़ाई
पटना/बिक्रम, 25 अगस्त | संवाददाता रिपोर्ट:-सच तक पब्लिक न्यूज़ रंजीत प्रजापति
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पटन: बिक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रस्तावित स्थानांतरण को लेकर सोमवार को बिक्रम अंचल में भारी विरोध देखने को मिला। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण पीएचसी परिसर में धरने पर बैठ गए और ओपीडी समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दीं।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि यह अस्पताल लाखों लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था का केंद्र है। ऐसे में इसे स्थानांतरित करना लोगों की जान के साथ खिलवाड़ होगा, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरनार्थियों ने चेतावनी दी कि अगर पीएचसी को कहीं और शिफ्ट किया गया तो पूरा बिक्रम बंद कर दिया जाएगा और नेताओं व अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
धरना पर बैठे ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अब वे "करो या मरो" की नीति पर संघर्ष करेंगे। कई घंटो पीएचसी परिसर में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। स्थानीय प्रशासन ने ओपीडी चालू कराने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस-प्रशासन की विफल रही।
हालांकि, बाद में पीएचसी प्रभारी के समझाने-बुझाने और इस मामले को सरकार व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन देने के बाद, धरनार्थियों ने ज्ञापन सौंपकर अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।
धरना कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे, जिनमें पूर्व मुखिया सुधीर कुमार, अनिल कुमार, गोपाल सिंह, विश्वजीत कुमार, बिजेंद्र सिंह, सुदामा चौधरी, राजमोहन पासवान, पैक्स अध्यक्ष राकेश कुमार, दिलीप कुमार, सुनील कुमार, सिद्धेश्वर सिंह, महेंद्र पंडित, धीरज कुमार, देवी दयाल, भोला सिंह, राजेंद्र सिंह, जुलम मोची, करमु कुमार, संतोष कुमार, रवि शर्मा, मितेंद्र पासवान, मधुसूदन शर्मा, दीपू कुमार, राम विनय सिंह सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर बिक्रम पीएचसी को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई, तो इसका जोरदार विरोध होगा। बताते चलें कि यह स्वास्थ्य केंद्र आसपास के सैकड़ों गांवों के लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं का केंद्र बिंदु बन चुका है और इसके स्थानांतरण से लाखों लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

