📰 फर्जी मुकदमों और दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ माले का जिला भर में प्रतिवाद मार्च, लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की पुकार
📍 मसौढ़ी, पटना |
🗓️ दिनांक: 5 अगस्त 25
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फुलवारी शरीफ के जानीपुर थाना अंतर्गत नगमा गांव में दो मासूम बच्चों को जिंदा जलाकर मार डालने की बर्बर घटना के खिलाफ न्याय की मांग करने वालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करने के विरोध में आज भाकपा-माले ने मसौढ़ी अनुमंडल सहित पटना जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जबरदस्त प्रतिवाद मार्च निकाला। मार्च में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य दलों के कार्यकर्ता एवं आम नागरिकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।
भाकपा-माले ने आरोप लगाया कि जदयू-भाजपा सरकार के इशारे पर पटना के बरीय आरक्षी अधीक्षक द्वारा माले विधायक गोपाल रविदास समेत 10 नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है, जो लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
🔥 24 साल पुराने फर्जी केस में विधायक महानंद सिंह की गिरफ्तारी पर आक्रोश
प्रतिवाद मार्च का एक प्रमुख मुद्दा अरवल से माले विधायक कामरेड महानंद सिंह को 24 साल पुराने फर्जी मुकदमे में जेल भेजे जाने की कार्रवाई भी रहा। वक्ताओं ने इसे दमन की पराकाष्ठा करार दिया और मांग की कि अबिलंब मुकदमा वापस लिया जाए और विधायक को रिहा किया जाए।
📍 जिले भर में निकाले गए प्रतिवाद मार्च:
मसौढ़ी:
मार्च का नेतृत्व प्रखंड सचिव राकेश कुमार और नागेश्वर पासवान ने किया।
धनरूआ:
नेतृत्व अकलू पासवान और वीरेंद्र प्रसाद ने किया।
पुनपुन:
जिला कमेटी सदस्य एवं नौजवान सभा के जिला सचिव मिथिलेश कुमार तथा मुन्ना चौहान ने नेतृत्व किया।
पालीगंज:
मार्च की अगुवाई सुरेंद्र पासवान ने की।
दुल्हिनबाजार:
अमर सेन दास ने नेतृत्व किया।
नौबतपुर:
पप्पू शर्मा, महेश यादव एवं मधेश्वर शर्मा ने भागीदारी निभाई।
बिहटा:
माधुरी गुप्ता और सुरेंद्र यादव ने प्रतिवाद मार्च की अगुवाई की।
फतुहा:
शैलेंद्र यादव के नेतृत्व में मार्च निकाला गया।
✊ सभा में उठी आवाज – "लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला नहीं सहेगा जनतंत्र"
मार्च के उपरांत आयोजित सभाओं में माले नेताओं ने तीखे शब्दों में सरकार और प्रशासन की निंदा की। वक्ताओं ने कहा कि:
> "एक तरफ भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा को दवा घोटाले जैसे संगीन मामले में जेल से बाहर रखा गया है, वहीं दूसरी ओर **न्याय और अधिकार की आवाज उठाने वाले विधायकों को जेल में डाला जा रहा है। यह साफ तौर पर दोहरा मापदंड है, जिसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।"
नेताओं ने यह भी कहा कि जब तक समाज में अत्याचार, अपराध और बलात्कार जैसी घटनाएं होती रहेंगी, तब तक जनता का प्रतिरोध जारी रहेगा।
🚨 मांगे और चेतावनी:
1. फुलवारी विधायक गोपाल रविदास पर दर्ज फर्जी मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।
2. कामरेड महानंद सिंह को अविलंब रिहा किया जाए।
3. जानीपुर थाना प्रभारी को बर्खास्त किया जाए।
4. पटना के बरीय आरक्षी अधीक्षक की मनमानी पर रोक लगाई जाए।
🗣️ जनता सिखाएगी सबक, 2025 में होगा बदलाव – माले
वक्ताओं ने चेताया कि भाजपा-जदयू सरकार की दमनात्मक नीतियां और पुलिसिया मनमानी अब ज्यादा दिन नहीं चलने वाली हैं। 2025 में जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।
प्रतिवाद मार्च में शामिल प्रमुख नेता:
रिंकू देवी, रामजीवन पासवान, रवि रंजन दास, उपेन्द्र मांझी (धनरूआ)
मनोज पासवान, मुन्ना चौहान (पुनपुन)
भुलन पासवान (मसौढ़ी)
सहित सैकड़ों कार्यकर्ता एवं नागरिक शामिल रहे।
📌 निष्कर्ष:
माले कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी लड़ाई संविधान और न्याय व्यवस्था को आधार बनाकर जारी रहेगी।


