संघर्षशील और जमीनी कार्यकर्ता उज्ज्वल यादव टिकट के असली दावेदार
संवाददाता:-सच तक पब्लिक न्यूज़ रंजीत प्रजापति
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पटना/ बिक्रम।
राजनीति में संघर्ष और निष्ठा को अक्सर असली पहचान का पैमाना माना जाता है। बिक्रम विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों यही चर्चा का विषय है कि टिकट का असली हकदार कौन है। राजद परिवार और स्थानीय जनता के बीच एक ही नाम सबसे ज्यादा गूंज रहा है – उज्ज्वल यादव।
राजद कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब पार्टी अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही थी, उस समय न तो बड़े नेता आगे आए और न ही कोई कार्यकर्ता खुलकर सामने खड़ा हो सका। लेकिन इसी विकट घड़ी में नौजवान और जुझारू कार्यकर्ता उज्ज्वल यादव ने पार्टी और संगठन के प्रति अपनी अटूट निष्ठा दिखाते हुए दिन-रात संघर्ष किया।
कठिन परिस्थितियों में उठाई पार्टी की जिम्मेदारी
कार्यकर्ताओं के अनुसार, जब आदरणीय लालू प्रसाद यादव को राजनीतिक साज़िश के तहत फर्जी चारा घोटाले के मामले में जेल भेजा गया था, उस दौर में पार्टी के भीतर मायूसी और टूटन का माहौल था। ऐसे समय में उज्ज्वल यादव ने न केवल संगठन को संभाला बल्कि गाँव-गाँव जाकर राजद का झंडा और लालू-तेजस्वी यादव की विचारधारा को लोगों तक पहुँचाने का काम किया।
उन्होंने अपना पैतृक घर-परिवार, संपत्ति और निजी सुख-सुविधाओं को दरकिनार कर केवल पार्टी और जनता की सेवा को ही प्राथमिकता दी। लगातार कार्यालय का दौरा करना, जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को उठाना और संगठन को जीवित रखना उनके रोजमर्रा का हिस्सा बन गया था
आज जब चुनाव का समय नजदीक है, तो टिकट को लेकर बाहरी और मौसमी नेताओं ने भी दावा करना शुरू कर दिया है। लेकिन विक्रम की जनता भली-भांति जानती है कि असली सिपाही वही है जिसने कठिन दौर में संगठन को संभाला। स्थानीय युवाओं से लेकर ग्रामीण जनता तक, हर वर्ग का कहना है कि उज्ज्वल यादव ने कभी भी जनता से दूरी नहीं बनाई और हमेशा उनकी आवाज़ बनकर खड़े हुए।
बिक्रम का बेटा, जनता का भरोसा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल एक व्यक्ति की टिकट की लड़ाई नहीं है, बल्कि बिक्रम विधानसभा के युवाओं और आम जनता की आवाज़ है। वे उज्ज्वल यादव को अपना बेटा और भाई मानते हैं। यही वजह है कि टिकट की दौड़ में उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
स्थानीय बनाम बाहरी
राजद कार्यकर्ताओं का साफ कहना है कि बिक्रम विधानसभा की बागडोर किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं सौंपी जानी चाहिए। संगठन और जनता का हित इसी में है कि स्थानीय और संघर्षशील कार्यकर्ता को ही अवसर मिले। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो उज्ज्वल यादव एक स्वाभाविक और मजबूत दावेदार हैं।
बिक्रम विधानसभा की जनता और संगठन आज एक सुर में यही कह रही है कि असली हकदार वही है जिसने पार्टी को मुश्किल वक्त में संभाला। ऐसे में साफ है कि अगर राजद नेतृत्व जनता की नब्ज़ पहचानना चाहता है, तो टिकट उज्ज्वल यादव के हाथों में देना ही सही निर्णय होगा।


