मसौढ़ी:प्रवेश के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करना परीक्षा व्यवस्था में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है। यह नियम सभी परीक्षार्थियों के लिए समान रूप से लागू होते हैं, जिससे निष्पक्षता बनी रहती है। केवल 2 मिनट की देरी भी परीक्षा केंद्र के नियमों के तहत परीक्षा में प्रवेश के अधिकार को प्रभावित कर सकती है। इससे छात्रों को मानसिक और भावनात्मक दबाव का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे महत्वपूर्ण परीक्षा दे रहे हों। एक ओर जहाँ नियमों का पालन निष्पक्षता सुनिश्चित करता है, वहीं दूसरी ओर अत्यंत छोटी देरी को देखते हुए कुछ लचीलापन भी अपनाया जा सकता था। यह सवाल उठता है कि क्या नियमों में कुछ अपवाद की गुंजाइश होनी चाहिए, ताकि अनायास हुई देरी के कारण छात्रों को नुकसान न हो परीक्षा केंद्र के अधिकारी नियमों का पालन करते हुए निर्णय लेते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की शिकायत से बचा जा सके।हालांकि, ऐसी घटनाएं प्रशासनिक नीतियों में सुधार के संकेत भी हो सकती हैं, जैसे कि देरी के मामले में एक निश्चित अवधि तक लचीला रवैया अपनाना। परीक्षा नियमों की स्पष्ट जानकारी सभी परीक्षार्थियों तक पहुँचाई जानी चाहिए ताकि समय की पाबंदी बनी रहे। साथ ही, कुछ मामूली देरी के मामलों में पुनर्विचार या अपील की प्रक्रिया भी हो सकती है, जिससे छात्रों के हक की रक्षा हो सके। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि परीक्षा व्यवस्था में नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही नियमों में थोड़ी लचक भी छात्रों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहायक सिद्ध हो सकती है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियमों का कड़ाई से पालन हो, साथ ही किसी भी असामान्य परिस्थिति में मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया जाए।
श्रीमती गिरिजा कुंवर उच्च माध्यमिक परीक्षा केंद्र पर 2 मिनट देर आने से 7 छात्रों का छूटी .परीक्षा
February 17, 2025
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मसौढ़ी:प्रवेश के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करना परीक्षा व्यवस्था में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है। यह नियम सभी परीक्षार्थियों के लिए समान रूप से लागू होते हैं, जिससे निष्पक्षता बनी रहती है। केवल 2 मिनट की देरी भी परीक्षा केंद्र के नियमों के तहत परीक्षा में प्रवेश के अधिकार को प्रभावित कर सकती है। इससे छात्रों को मानसिक और भावनात्मक दबाव का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे महत्वपूर्ण परीक्षा दे रहे हों। एक ओर जहाँ नियमों का पालन निष्पक्षता सुनिश्चित करता है, वहीं दूसरी ओर अत्यंत छोटी देरी को देखते हुए कुछ लचीलापन भी अपनाया जा सकता था। यह सवाल उठता है कि क्या नियमों में कुछ अपवाद की गुंजाइश होनी चाहिए, ताकि अनायास हुई देरी के कारण छात्रों को नुकसान न हो परीक्षा केंद्र के अधिकारी नियमों का पालन करते हुए निर्णय लेते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की शिकायत से बचा जा सके।हालांकि, ऐसी घटनाएं प्रशासनिक नीतियों में सुधार के संकेत भी हो सकती हैं, जैसे कि देरी के मामले में एक निश्चित अवधि तक लचीला रवैया अपनाना। परीक्षा नियमों की स्पष्ट जानकारी सभी परीक्षार्थियों तक पहुँचाई जानी चाहिए ताकि समय की पाबंदी बनी रहे। साथ ही, कुछ मामूली देरी के मामलों में पुनर्विचार या अपील की प्रक्रिया भी हो सकती है, जिससे छात्रों के हक की रक्षा हो सके। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि परीक्षा व्यवस्था में नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही नियमों में थोड़ी लचक भी छात्रों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सहायक सिद्ध हो सकती है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियमों का कड़ाई से पालन हो, साथ ही किसी भी असामान्य परिस्थिति में मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया जाए।