पटना में 59,000 शिक्षकों को मिला राजकीय कर्मी का दर्जा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सौंपे नियुक्ति पत्र
पटना में शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसले के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 59,000 नियोजित शिक्षकों को राजकीय कर्मी (सरकारी कर्मचारी) का दर्जा प्रदान किया और उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर पटना के कार्यक्रम में हजारों शिक्षक उपस्थित रहे, जिनमें खुशी और उत्साह का माहौल था।
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नीतीश कुमार का संबोधन:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर मंच से शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों को राजकीय कर्मी का दर्जा देना सरकार की प्राथमिकता थी, जिसे अब पूरा कर दिया गया है। -
शिक्षा मंत्री को विशेष निर्देश:
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने मंच पर उपस्थित शिक्षा मंत्री सुशील कुमार की ओर इशारा करते हुए कहा, "आप खड़े हो जाइए, आपको जानबूझकर यह विभाग दिया गया है, ठीक से काम करवाइए।" इस टिप्पणी से स्पष्ट था कि मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहते हैं इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य के कई प्रमुख नेता और अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी
- विजय सिंह
- बिजेंद्र यादव
- अशोक चौधरी
- शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ
शिक्षकों में खुशी की लहर:
सरकार के इस फैसले से नियोजित शिक्षकों के बीच उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई। वर्षों से सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने की उनकी मांग पूरी हुई, जिससे वे अब और अधिक अधिकार और सुविधाओं के पात्र होंग अब नियोजित शिक्षकों को भी स्थायी शिक्षकों के समान लाभ और सुविधाएं मिलेंगी अब इन्हें सरकारी शिक्षकों की तरह वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा, क्योंकि शिक्षक अब अधिक आत्मविश्वास और स्थायित्व के साथ अपने कार्यों को अंजाम दे सकेंगे।
बिहार सरकार का यह फैसला शिक्षा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। इससे राज्य के शिक्षकों को न केवल आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि वे और अधिक समर्पित होकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में योगदान देंगे।

