विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना द्वारा 8 मार्च 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
पटना/मसौढ़ी: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन पटना सदर, पटना सिटी, दानापुर, मसौढ़ी एवं पालीगंज के सभी व्यवहार न्यायालय परिसरों में 8 मार्च 2025 को किया जाएगा। इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य त्वरित एवं सौहार्दपूर्ण समझौते के आधार पर विवादों का समाधान करना है, जिससे न्यायालय में लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा हो सके।राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहाँ विवादों का निपटारा बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया, अतिरिक्त खर्च और जटिल औपचारिकताओं के किया जाता है। यहाँ होने वाले फैसले अंतिम और बाध्यकारी होते हैं, यानी इनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती, जिससे विवादों का स्थायी समाधान सुनिश्चित होता है।
बैंक संबंधी विवाद – ऋण वसूली, बकाया भुगतान आदि।
विद्युत विभाग के मामले – बिजली बिल विवाद, कनेक्शन संबंधी समस्याएँ।
वाहन दुर्घटना बीमा दावे – मुआवजा संबंधित मामले।
नापतोल विभाग के मामले – व्यापारिक माप-तौल विवाद।
श्रम विभाग से जुड़े विवाद – श्रमिकों के वेतन एवं अधिकारों से संबंधित विवाद।
नीलाम पात्रवाद – नीलामी से जुड़े कानूनी विवाद।
पारिवारिक मामले – आपसी सहमति से तलाक, भरण-पोषण, संपत्ति विवाद आदि।
राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभ:
तेजी से समाधान: पारंपरिक न्यायिक प्रक्रिया की तुलना में अधिक तेजी से विवादों का निपटारा होता है।न्याय शुल्क नहीं: इसमें किसी भी प्रकार का न्याय शुल्क नहीं देना पड़ता।
सौहार्दपूर्ण निपटारा: दोनों पक्षों की सहमति से विवाद सुलझाया जाता है, जिससे आगे कोई विवाद नहीं रहता।
न्यायालय का बोझ कम होता है: अधिक मामलों के निपटारे से न्यायपालिका पर दबाव घटता है।
सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया: लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचते हुए त्वरित एवं सरल न्याय मिलता है।
जिनके संधि योग्य मामले लंबित हैं, वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएँ।
अपने क्षेत्र के व्यवहार न्यायालय परिसर में समय पर पहुँचकर समझौते के आधार पर विवादों का निपटारा करें।
पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी, यानी किसी भी प्रकार का न्याय शुल्क नहीं देना होगा।
लोक अदालत में भाग लेकर आप अपने विवादों का शीघ्र और सौहार्दपूर्ण समाधान पा सकते हैं।