युवा पीढ़ी पर मंडरा रहा है डाइबिटीज का खतरा
फास्ट फूड, जंक फूड और तनाव मुक्त रहना है जरूरी – डॉ. दिवाकर तैजसवी
पटना, 28 अगस्त 2025
संवाददाता रिपोर्टर:-सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति
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आज भारत डाइबिटीज का हब बन चुका है और यह बीमारी अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है बल्कि तेजी से युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रही है। आस्था फाउंडेशन द्वारा पाटलिपुत्र स्कूल में आयोजित मेगा युथ हेल्थ कॉन्क्लेव के दौरान मशहूर फिजिशियन डॉ. दिवाकर तैजसवी ने युवाओं को चेताते हुए कहा कि “अगर हम फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन छोड़ दें और तनाव मुक्त जीवन अपनाएं तो डाइबिटीज जैसी बीमारी से बच सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि भारत में वर्तमान समय में करीब 14 करोड़ लोग डाइबिटीज की चपेट में आने के कगार पर हैं, जिनमें से लगभग 8 करोड़ युवा 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच हैं। फास्ट फूड का बढ़ता चलन, तनावग्रस्त जीवनशैली और मोटापा इसके प्रमुख कारण हैं। डॉ. तैजसवी ने यह भी कहा कि “कुछ अनुवांशिक कारण भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं, जैसे यदि परिवार में माता-पिता या दादा-दादी को यह रोग हो तो अगली पीढ़ी के प्रभावित होने की संभावना अधिक हो जाती है।”
उन्होंने युवाओं और बच्चियों से अपील करते हुए कहा कि “बाहर का खाना छोड़ें और घर का बना हुआ पौष्टिक भोजन ही करें। जीवनशैली में बदलाव लाकर ही इस साइलेंट किलर से बचा जा सकता है, क्योंकि एक बार डाइबिटीज हो जाने के बाद पूरा जीवन कठिनाईयों से भर जाता है।”
आस्था फाउंडेशन की चेयरपर्सन निक्की सिंह ने बताया कि संगठन लगातार युवाओं में न सिर्फ डाइबिटीज बल्कि डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूकता फैला रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को जागरूक करने के इस अभियान में लगातार सफलता मिल रही है।
इस अवसर पर सैकड़ों युवाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को आत्मसात किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रंजन कुमार बर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

