नीतीश कुमार की नई एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण: जातीय संतुलन साधने की बड़ी कोशिश, राजपूत समाज को मिली चार मंत्रियों की जगह
संवाददाता:-सच तक पब्लिक न्यूज़ रंजीत प्रजापति
बिहार में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन के बाद नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर राज्य की नई एनडीए सरकार के गठन का आधिकारिक आगाज कर दिया। राजभवन में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार को शपथ दिलाई। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने मुख्यमंत्री सहित नई मंत्रिपरिषद को बधाई दी।
जातीय संतुलन पर टिकी नई कैबिनेट
इस बार एनडीए सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मंत्रिमंडल ‘जातीय समीकरण’ के हिसाब से तैयार किया गया है। सवर्ण, ओबीसी, दलित, महादलित समेत बिहार के प्रमुख सामाजिक वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने की भरपूर कोशिश की गई है।
नई मंत्रिपरिषद का ढांचा इस प्रकार रहा—
- सवर्ण – 8 मंत्री
- ओबीसी – 8 मंत्री
- दलित–महादलित – 5 मंत्री
- कुर्मी–कुशवाहा – 6 मंत्री
- यादव – 2 मंत्री
- निषाद – 2 मंत्री
- वैश्य – 4 मंत्री
- मुसलमान और महिलाएं – विशेष प्रतिनिधित्व
राजपूत समाज को साधने की कोशिश: चार मंत्री शामिल
इस बार विधानसभा में राजपूत समुदाय के 32 विधायक पहुँचे हैं, जिनमें से 31 एनडीए के हैं। डिप्टी सीएम पद की उम्मीद रखने वाले इस समाज में भाजपा द्वारा पुनः सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर नाराजगी देखी गई।
सोशल मीडिया पर राजपूत समाज में असंतोष बढ़ने के बाद एनडीए ने जातीय समीकरण को साधने के लिए कैबिनेट में चार राजपूत विधायकों को मंत्री बनाकर संदेश दिया है कि उनका राजनीतिक वजन बराबर बना हुआ है।
इन मंत्रियों ने ली पद एवं गोपनीयता की शपथ
शपथ ग्रहण में कुल 26 मंत्रियों ने पदभार संभाला। इनके नाम इस प्रकार हैं—
सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय कुमार चौधरी, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, मंगल पांडेय, डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, अशोक चौधरी, श्रीमती लेशी सिंह, मदन सहनी, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संतोष कुमार सुमन, सुनील कुमार, मो. जमा खान, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, श्रीमती रमा निषाद, सुश्री श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, संजय कुमार, संजय कुमार सिंह एवं दीपक प्रकाश।
शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय नेतृत्व की मौजूदगी
कार्यक्रम में देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व मौजूद रहा जिनमें शामिल थे—
अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, चिराग पासवान, अर्जुन राम मेघवाल, जीतनराम मांझी, ललन सिंह आदि।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, यूपी के योगी आदित्यनाथ, गुजरात के भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के भजनलाल शर्मा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मंच पर उपस्थित रहे।
राजपूतों की नाराजगी—नई कैबिनेट में ‘समीकरण सुधार’ का संकेत
राजपूत समाज के भीतर उप मुख्यमंत्री पद न मिलने की नाराजगी को देखते हुए नई कैबिनेट में इस समुदाय के चार मंत्री शामिल कर सरकार ने संतुलन साधने की कोशिश की है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह जातीय समायोजन एनडीए के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
नई सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही यह साफ हो गया है कि आगामी राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनज़र एनडीए ने अपनी रणनीति जातीय संतुलन और व्यापक सामाजिक प्रतिनिधित्व पर केंद्रित कर दी है।

