📰 पालीगंज को मिली बड़ी सौगात: पुनपुन नदी पर समदा पुल का शिलान्यास संपन्न
🔸 17 करोड़ की लागत से बनेगा 140 मीटर लंबा पुल, 50 गांवों को 4 जिलों से जोड़ेगा
📍 पालीगंज, पटना |
रिपोर्टर : सच तक पब्लिक न्यूज रंजीत प्रजापति
पटना /पालीगंज: पालीगंज विधानसभा क्षेत्र की संघर्षशील जनता के लिए 10 जुलाई का दिन इतिहास में दर्ज हो गया। वर्षों की मांग, अनगिनत जनआंदोलनों और नागरिक संघर्षों के बाद आज पुनपुन नदी पर बहुप्रतीक्षित समदा पुल के निर्माण की नींव रखी गई।
शिलान्यास कार्यक्रम का नेतृत्व माननीय क्षेत्रीय विधायक एवं भाकपा (माले) नेता संदीप सौरभ ने किया। इस पुल की कुल लंबाई 140 मीटर होगी और यह ₹17 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित किया जाएगा। यह पुल न केवल पालीगंज क्षेत्र बल्कि आस-पास के चार जिलों के 50 गांवों को जोड़ने का काम करेगा।
🌉 विकास की राह, जनता की जीत
विधायक संदीप सौरभ ने अपने संबोधन में कहा –
"यह पुल सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि वर्षों से विकास की बाट जोह रहे किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों की जीत है। यह जनता के संघर्ष की गूंज है, जिसे अब शासन की स्वीकृति मिली है।"
उन्होंने इसे पालीगंज के सामाजिक और आर्थिक विकास की नई राह बताते हुए कहा कि अब लोगों को आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार और रोजगार के लिए लंबी दूरी और परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
👥 सामाजिक प्रतिनिधित्व और व्यापक जनसमर्थन
इस शिलान्यास समारोह में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति ने इसे जनसंपृक्ति का प्रतीक बना दिया।
मौके पर उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधियों में शामिल थे:
माले नेता राजेश जी
पत्रकार पंकज कुमार
दहिया पंचायत से पैक्स अध्यक्ष के भावी प्रत्याशी
जरखा पंचायत के सरपंच ब्रजमोहन साव
कटका पैगंबरपुर के मुखिया ज्ञानवर्धन शर्मा
श्री शंकर साव
चिकसी पंचायत के पूर्व मुखिया डॉ. कृष्णा प्रसाद
सिगोड़ी पंचायत के पूर्व मुखिया शमीम अहमद
नदहरी कोदहरी के पूर्व मुखिया गणेश दत्त
भाकपा माले के प्रखंड सचिव कॉ. सुरेन्द्र पासवान
जरखा पंचायत के पूर्व मुखिया बबुआ नन्द
श्री अखिलेश माँझी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक।
📸 जनता की उम्मीदें, कैमरे में कैद
समारोह के दौरान बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं की उत्साहजनक उपस्थिति यह दिखा रही थी कि यह पुल उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाएगा। लोगों ने ढोल-नगाड़ों और नारों के साथ इस ऐतिहासिक घड़ी का स्वागत किया।
🗣 "यह पुल नहीं, सपनों की राह है!"
👉 यह शिलान्यास उन लोगों के नाम है जिनकी आवाजें अनसुनी रहीं, संघर्ष अपूर्ण रहे – अब उनके हक का सूरज उगता दिख रहा है।



